यूकेडी ने हरिद्वार से शुरू की संस्कृति बचाओ यात्रा, लिव इन रिलेशनशिप को लेकर खोला मोर्चा

  • हरिद्वार गुरुकुल नारसन से शुरू हुई यात्रा, चमोली जिले के नीति गांव तक पहुंचेगी संस्कृति बचाओ यात्रा

उत्तराखंड : उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद से ही तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. यूसीसी में सबसे ज्यादा लिव इन रिलेशनशिप की हो रही है. इसे लेकर यूकेडी ने भी अब मोर्चा खोल दिया है. उत्तराखंड क्रांति दल ने यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन को लेकर विरोध दर्ज कराया है. इसे लेकर यूकेडी ने संस्कृति बचाओ यात्रा की शुरुआत की. आज ये यात्रा हरिद्वार गुरुकुल नारसन से शुरू हुई.

हरिद्वार गुरुकुल नारसन से शुरू हुई संस्कृति बचाओ यात्रा सोमवार दोपहर बाद हरिद्वार पहुंची. यहां से यूकेडी की यात्रा ऋषिकेश के लिए रवना हो गई. यात्रा के संयोजक राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा एक तरफ तो भारतीय जनता पार्टी सनातन की बात करती है वहीं यूसीसी लागू कर सनातन पर वार कर उत्तराखंड की संस्कृति को नष्ट करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा भाजपा ने जिस प्रकार यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को वैध करार दिए जाने का प्रावधान दिया है वह सनातन परम्पराओं के खिलाफ़ है. साथ ही इससे पारिवारिक परंपराएं भी समाप्त हो जाएंगी.

राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा वे यूसीसी में लिवइन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन का विरोध करते हैं. यूसीसी के दूसरे क्लोज , जिसमें 1 साल से अधिक उत्तराखंड में निवास करने वाले को मूल निवास डियव जाने के प्रावधान का भी विरोध करते हैं. उन्होंने कहा अगर उनकी इस पहली यात्रा से सरकार नही चेती तो वे जल्द ही कुमाऊं में भी यात्रा निकलेंगे.

यात्रा में शामिल यूकेडी की केंद्रीय महामंत्री किरण रावत ने कहा लिव इन रिलेशनशिप को वैद्य करार दिए जाने से सबसे पहले युवाओ का नैतिक पतन होगा. परिवार नाम की संस्था समाप्त हो रही है. देवभूमि उत्तराखंड में इस तरह के प्रावधान की आवश्यकता नहीं थी. इससे कहीं ना कहीं उत्तराखंड सरकार युवाओं को पश्चिमी सभ्यता की ओर धकेल रही है. जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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