
देहरादून : उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप ने आज राज्य के सभी 13 जनपदों के साथ शीत लहर की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने रैन बसेरों की समुचित व्यवस्था करने तथा सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
आज यूएसडीएमए स्थित कंट्रोल रूम से एसीईओ प्रशासन श्री आनंद स्वरूप ने सभी 13 जनपदों के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ शीत लहर की तैयारियों के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि सभी जनपद यह सुनिश्चित कर लें कि रैन बसेरों की संख्या पर्याप्त हो। यदि जरूरत महसूस हो तो इनकी संख्या को बढ़ाया जाए।
उन्होंने कहा कि रैन बसेरों में साफ सफाई के साथ ही आवश्यक वस्तुओं जैसे हीटर, पानी गर्म करने की रॉड, पर्याप्त संख्या में बिस्तर तथा कंबल आदि की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए। साथ ही उन्होंने सभी शहरों के महत्वपूर्ण चौक चौराहों, बस तथा रेलवे स्टेशनों आदि स्थानों पर जहां रात को लोग रुकते हैं, वहां अलाव की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा सभी जनपदों को शीत लहर से निपटने के लिए 10-10 लाख रुपए की धनराशि जारी कर दी गई है। जनहित में इस धनराशि का उपयोग बेहतर ढ़ंग से किया जाए ताकि लोगों को ठंड के मौसम में राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि यदि किसी जनपद को और धनराशि की आवश्यकता पड़ती है तो वह शासन को प्रस्ताव भेज सकते हैं। समीक्षा बैठक में उन्होंने सभी जनपदों की तैयारी पर संतोष जताया।
एसीईओ प्रशासन ने बर्फबारी वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने तथा वहां योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण जिन स्थानों में राशन पहुंचाना मुश्किल हो जाता है, वहां अगले दो से तीन माह का राशन स्टॉक कर लिया जाए। उन्होंने बर्फबारी के कारण अवरुद्ध होने वाले मार्गों को खोलने के लिए सभी उपकरण जैसे जेसीबी मशीन, पोकलैंड मशीन, स्नो कटर मशीन तथा बर्फ में फंसे वाहनों को निकालने के लिए चेन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
एसीईओ प्रशासन ने कहा कि पहाड़ों में पाले के कारण सड़कें बेहद खतरनाक हो जाती हैं, ऐसे में सड़क हादसों को रोकने के लिए पालाग्रस्त क्षेत्रों में सड़कों पर चूने तथा नमक का छिड़काव किया जाए तथा साइन बोर्ड लगाकर लोगों को संभावित खतरे के प्रति सचेत किया जाए।
बैठक में यूएसडीएमए के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी ने कहा कि शीत लहर के दौरान आवारा और निराश्रित पशुओं की भी चिंता करनी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद इस दिशा में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पशुपालन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर निराश्रित पशुओं के ठहरने के लिए स्थान चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि निराश्रित लोगों को रैन बसेरों में ठहराने के लिए अभियान चलाया जाए। पब्लिक अनाउंसमेंट के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को बताया जाए कि रैन बसेरे कहां पर हैं, ताकि वे वहां जाकर रह सकें। उन्होंने सभी जनपदों को रैन बसेरों तथा अलाव के कोऑर्डिनेट्स भी यूएसडीएमए के साथ शेयर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी जनपद गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण विवरण जुटा लें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में समय पर उन्हें चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
बैठक में संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी, डॉ पूजा राणा, डॉ वेदिका पंत, रोहित कुमार, हेमंत बिष्ट, तंद्रिला सरकार आदि मौजूद रहे।