संस्कार क्रांति की आवश्यकता : अशोक श्रीवास्तव.

  • संस्कार क्रांति की आवश्यकता : अशोक श्रीवास्तव.
  • भारतीय शिक्षा प्रणाली को समझें और भारतीय मूल्यों को महत्व दें.

देहरादून : प्रज्ञा प्रवाह की उत्तराखंड इकाई देवभूमि विचार मंच द्वारा विचार मंथन की श्रृंखला में आज कल्चरल मार्क्सिज्म विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया, इस व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में दूरदर्शन के सलाहकार श्री अशोक श्रीवास्तव जी उपस्थित रहे.

डॉ देवेंद्र भसीन उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति उत्तराखंड, क्षेत्र संयोजक भगवती प्रसाद राघव, प्रज्ञा प्रवाह तथा प्रोफेसर पवन कुमार शर्मा वक्त के रूप में उपस्थित रहे.

कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलित कर हुआ तत्पश्चात विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह दिए गए कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्री अशोक श्रीवास्तव ने कम्युनल मार्क्सिज्म के प्रभावों तथा मीडिया द्वारा प्रसारित किए गए प्रभावों पर विस्तृत रूप से चर्चा की कार्यक्रम में विशिष्ट उपस्थिति के रूप में रहे प्रोफेसर डॉक्टर देवेंद्र भसीन, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा यूनियन समिति ने अपने उद्बोधन में मैकाले द्वारा किए गए भारतीय शिक्षा प्रणाली को ध्वस्त करने के प्रयासों पर चर्चा की तथा अपेक्षा कि वह इस प्रणाली को समझें और भारतीय मूल्यों को महत्व दें.

कार्यक्रम में प्रोफेसर पवन कुमार शर्मा मेरठ विश्वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में कल्चरल मार्क्सिज्म के उद्भव और उसके प्रभावों पर विश्व में विभिन्न विषयों पर चर्चा की तथा साथ ही साथ ही अपेक्षा की कि हम इस बात को समझें और जो भारत की संस्कृति है उसके महत्व को समाज के संग में प्रभावित तरीके से रखें. कार्यक्रम में विशेष सानिध्य प्रज्ञा प्रवाह के क्षेत्र संयोजक श्री भगवती प्रसाद राघव जी का रहा.

कार्यक्रम की अध्यक्षता आईटीएम के निदेशक श्री निशांत थपलियाल जी द्वारा की गई, उन्होंने अपने उद्बोधन में अपने छात्र जीवन के अनुभवों को साझा किया जिसने उनकी सोच को प्रभावित करने का प्रयास किया, कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर रवि शरण दीक्षित द्वारा किया गया. कार्यक्रम में डॉक्टर अंजली वर्मा, डॉ रीना चंद्र, डॉ विमलेश डिमरी, श्री पृथ्वी धर काला, आलोक, डॉ राजेश पाल, डॉ विवेक त्यागी तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.

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