
बद्रीनाथ केदारनाथ मँन्दिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय के कार्यकाल पूरा होने के बाद अध्यक्ष पद को लेकर सूबे में गहमा गहमी और कयासों का दौर शुरू हो गया है। सूत्रों के मुताबिक बद्री केदार का अध्यक्ष के लिए एक तरफ खनन माफिया,या बड़े ब्यापारी का नाम तो दूसरी तरफ कहीं बड़े दिग्गजो के नाम सामने आ रहे है। लेकिन जब तक आधिकारिक घोषणा नहीं होती तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता। चमोली ,रूद्रप्रयाग,जनपद के जिलाध्यक्षों और प्रदेश अध्यक्ष जी को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और वरिष्ट नेताओं की भली भाँति पहचान है।और गढ़वाल की बात होगी तो टिहरी और पौडी़ के वरिष्ट नेतागण कार्यकर्ताओं से उनके जिलाध्यक्ष अपने सँघठन को बताऐंगे जो कि साँगठनिक परिपाटी है। बद्री केदार मँदिर समिति का प्रधान सेवक बनेगाचमोली ,रूद्रप्रयाग में अनेक ऐसे दिग्गज नेता हैं जिन्होंने पूरा जीवन पार्टी को समर्पित कर दिया और ना विधायकी मेंं नँबर आया और ना ही कभी दायित्व मिला।ऐसे में अगर कोई बाहरी ब्यक्ति पैराशूट बनकर उतारा जाएगा तो उसका स्थानीय लोग पूरा बिरोध करेंगे,और तय है जनता में अच्छा सँदेश नहीं पँहुचेगा।पर इन दिनों पार्टी और सँगठन ऐसे लोगों को प्रथम पँक्ति पर ला रहा है जो वित्तीय रूप से मजबूत हैं और वो ताकत चाहते हैं। जोकि पदों पर बैठकर ही सँभव है।ऐसे लोगों से पार्टियों को आर्थिक मदद तो मिलती है साथ ही पार्टी को कुछ खर्चा भी नहीँ करना पड़ता।भा ज पा में तो काँग्रेस पार्टी को छोड़कर आए नेताओं का बडा़ जखीरा है।ये पूरा जखीरा अपने लाव लश्कर के साथ आता है।जब भी कोई सत्ता में हो तो ये अपना तँबू वहाँ लगा देते हैं,ऐसे ही कुछ लोग घर बैठे पदों की कामना कर रहे हैं,और उनके आका उनको आश्वस्त कर रहे हैं।