देहरादून। उत्तराखंड में सेब की नई पॉलिसी के लिए 100 से अधिक सेब काश्तकारों के साथ संवाद कर सुझाव लिए गए। राज्य में अब अपनी-अपनी पसंद की सेब के बागवान पौध लगा पाएंगे।
बुधवार को देहरादून के राजकीय उद्यान सर्किट हाउस में कृषि मंत्री गणेश जोश ने प्रदेश के सेब उत्पादक प्रगतिशीत कृषकों के साथ संवाद एवं विचार गोष्ठी की गई। अनेक जनपदों के सेब काश्तकारों और बागवानों ने प्रतिभाग किया। साथ ही कई किसान वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से भी जुड़े। इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों से पहुंचे सेब बागवानों ने अपने सुझाव दिए। गोष्ठी में प्लांटिंग मैटेरियल सेब की नई वैराइटी के अध्ययन किसानों को प्रशिक्षण नर्सरियों के सत्यापन, मार्केटिंग समेत कई अहम पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सेब की प्लांटिंग सीजन को देखते हुए आज पूरे प्रदेश के तकरीबन 100 से अधिक उन्नत सेब काश्तकार किसानों के साथ संवाद किया गया और उनके सुझाव लिए गए। सेब काश्तकारों के सुझाव के अनुरूप जो नई नीति बनाई जाएगी, उसमें सभी सेब बागवानानें के सुझाव भी शामिल किए जाएंगे। हम कितनी भी वैराइटी लाए अगर किसानों को प्रशिक्षण नहीं देंगे तो किसान उसका लाभ नहीं उठा पाएगा।
उन्होंने कहा कि मार्केट में जिस सेब की वैराइटी की सबसे अधिक मांग होगी, उसे प्रमोट किया जाएगा। साथ ही सेब नई प्रजातियों का अध्ययन कर उसे इस्तेमाल में ला जाएगा। किसानों की जो मांग होगी, उसकी अनुसार उन्हें पौधे मुहैया कराए जाएंगे।
संवाद में सचिव बीवीआरसी पुरूषोत्तम, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, उद्यान निदेशक एचएस बवेजा, कुलपति डॉ० परमेन्द्र कौशल समेत प्रदेश से आए हुए बागवान और अधिकारीगण मौजूद रहे।