देहरादून। कांग्रेस ने इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में एसबीआई पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। गुरूवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महानगर अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी के नेतृत्व मेंएसबीआई मेन ब्रांच तक जुलूस निकाला और एसबीआई का घेराव किया।
हाल ही में इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक ठहराते हुए शीर्ष अदालत ने एसबीआई को 06 मार्च तक चुनावी चंदे देने वालों और उसे प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने को कहा था, जिस पर एसबीआई द्वारा 30 जून तक का समय मांगा गया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एसबीआई में ब्रांच के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और इसके बाद वहीं धरने पर बैठ गए।
गोगी ने कहा कि केंद्र सरकार के दबाव में एसबीआई ने इस जानकारी को देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा है। यह निश्चित रूप से भाजपा और कॉरपोरेट के अनुचित गठजोड़ को कम से कम लोकसभा चुनाव तक छुपाने का कुत्सित प्रयास है। कांग्रेस कार्यकर्ता इस धरना प्रदर्शन से एक तो एसबीआई के शीर्ष अधिकारियों को बताना चाहते हैं कि सरकारें आती जाती हैं लेकिन ब्यूरोक्रेसी को वही कार्य करने चाहिए जो संस्था के तथा राष्ट्र के हित में हो। दूसरा, जनता के सामने यह तथ्य उजागर करना चाहते हैं कि भाजपा मूलतः अमीरों और धन्नासेठों की पार्टी है ये आम और गरीब जनता का भला कैसे कर सकती है, जबकि बेतरतीब बेतहाशा पैसा ये उन्हीं धन्ना सेठों से लेती आई है। इसी गठजोड़ के परिणामस्वरूप पिछले छह सालों में सारे चुनावी चंदे का दो तिहाई भाजपा को मिला है।
गोगी ने कहा कि पहले तो ये डेटा तकनीकी जानकारों के मुताबिक एसबीआई की मुम्बई मुख्य शाखा में मौजूद है, और न भी हो तो देश के सबसे बड़े और पूर्णतः कंप्यूटरीकृत बैंक को मात्र 22217 चुनावी बॉन्ड पर डेटा देने के लिए पांच महीने की जरूरत क्यों है?