देहरादून। उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक-अर्द्धसैनिक संयुक्त संगठन ने शनिवार को प्रस्तावित एडमिन सिटी निर्माण के विरोध में रायपुर में प्रदर्शन किया। संगठन का कहना है कि सरकार स्थायी राजधानी ग़ैरसैण के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए देहरादून के रायपुर में 6000 करोड़ की लागत से एडमिन सिटी बनाने का शिगूफ़ा छोड़ रही है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पूर्व आईएएस सुरेन्द्र सिंह पांगती ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की दो राजधानी गैरसैण तथा देहरादून में पूर्व से ही स्थापित है। सवाल ये उठता है कि क्या एक और राजधानी की आवश्यकता है? सभी धनी राज्यों में एक ही राजधानी है और हरियाणा पंजाब जैसे दो राज्यों की चण्डीगढ़ में एक ही राजधानी है।
इस मौके पर हिल्स डेवलपमेंट मिशन के अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार स्थायी राजधानी ग़ैरसैण के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए देहरादून के रायपुर में 6000 करोड़ की लागत से एडमिन सिटी बनाने का शिगूफ़ा छोड़ रही है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जितने भी आंदोलनकारी शक्तियां है इसका विरोध करेगी। प्रदेश सतर हजार करोड़ के कर्जे में है। 64 विभाग है उनके मुख्यालय पहले ही बन चुके हैं। उन मुख्यालय का सरकार क्या करेगी। ये केवल सरकारी बजट को ठिकाने का साजिश है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए गैरसैण को राजधानी बनाया जाना चाहिए। राज्य आंदोलनकारियों ने भी गैरसैण को राजधानी बनाए जाने का सपना देखा है।