नरेन्द्रनगर। मानसिक स्वास्थ्य से शारीरिक स्वास्थ्य तथा शारीरिक स्वास्थ्य से जीवन में समृद्धि और खुशहाली के द्वार खुलते हैं, इसलिए भौतिक एवं आर्थिक समृद्धि का आधार मानसिक स्वास्थ्य होता है।यह वक्तव्य प्रोफेसर आर के उभान ने छात्रों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
विदित हो कि मगलवार को धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ के अवसर पर विचार गोष्ठी तथा प्रश्नोत्तरी कार्यक्रमों को आयोजित कर ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ को बनाया।
कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए विभाग प्रभारी डॉ सपना कश्यप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष की थीम ’मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानवाधिकार है’ रखी है, इसलिए मानसिक स्वास्थ्य को मानवाधिकार के रूप में जागरूकता के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का चलाया जाना आवश्यक है। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत हेल्पलाइन किरण,आईकाल जैसी हेल्पलाइन की जानकारी भी उपस्थित जनों के साथ साझा की। विभाग के प्राध्यापक डॉक्टर राकेश नौटियाल ने तनाव प्रबंधन पर विस्तृत व्याख्यान दिया, उन्होंने तनाव काम करने के तरीकों पर भी व्यापक जानकारी दी। बीसीए विभाग की रचना कठैत ने मानसिक संतुलन का बेहतर उदाहरण पारिवारिक जीवन बताया। डॉ देवेंद्र कुमार ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए उचित आहार और अच्छे लोगों से संपर्क आवश्यक बताया।
मनोविज्ञान विभाग की रंजना जोशी ने छात्रों के बीच में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित कर छात्रों के बीच व्यापक विचार मंथन का अभ्यास कराया। प्रतियोगिता में विभाग के प्रियांशु सजवान ने प्रथम, जय शर्मा ने द्वितीय नीतू नेगी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कंचन सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करने में सफल रही।
कार्यक्रम में कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो० आशुतोष शरण, डॉ सुधारानी, डॉ सोनी तिलारा, डॉ जितेंद्र नौटियाल, पुस्तकालय प्रभारी सत्येंद्र कुमार, मीना चौहान ,प्रियंका, भागेश्वरी आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे। यह जानकारी कॉलेज मीडिया टीम के संयोजक डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल एवं विशाल त्यागी ने दी है।