
देहरादून, 30 जनवरी , 2025 । दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज शाम को भारतीय संविधान के फिल्म की श्रंखला के आठवें एपिसोड का प्रदर्शन मुख्य सभागार में किया गया। भारतीय संविधान और संवैधानिक मूल्यों पर आधारित इस सुपरिचित फिल्म का निर्देशन श्याम बेनेगल द्वारा किया गया है।
महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि शहीद दिवस को याद करते हुए इस कार्यक्रम में फिल्म प्रदर्शन से पूर्व अतिथि वक्ता के तौर पर सुपरिचित पुतुल कला विशेषज्ञ श्री रामलाल ने परम्परागत कठपुतली कला प्रदर्शन की माध्यम से भारतीय संविधान की महत्वपूर्ण बिंदुओं पर वार्ता प्रस्तुत की । रामलाल ने इस विषय पर अपने विचार में यह बात कही की हम भारत के लोगों के लिए संविधान एक अनमोल धरोहर की तौर पर विद्यमान है. हमारे पूर्वजों ने बहुत सोच समझ कर और कठिन परिश्रम करके एक अनमोल जीवन शैली का रास्ता संविधान के रूप में दिया है. परन्तु समाज में चिंता जनक बात यह रही कि इतने सालों से संविधान को नीचे तक क्यों नहीं पहुंच पाया. वर्तमान में अभी भी संविधान के सामने इतनी चुनौतियां क्यों हैं. उन्होंने यह जोर देकर कहा कि हम सबका इस दिशा में क्या कर्तव्य हो सकता है. संवैधानिक मूल्यों से आम लोगों की जिंदगी में मदद मिलना नितांत रूप में एक आवश्यक कदम होना चाहिए. रामलाल की पुतुल कला दर्शकों के मध्य बहुत गहन प्रभाव रख छोड़ने में सफल रही। उपस्थित लोगों ने इसकी बहुत सराहना की।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में जन संवाद समिति की ओर से शिखर कुच्छल ने महात्मा गाँधी की प्रिय भजन ‘वैष्णव जन ते तैने कहिये’ और उसके बाद ‘ रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम ‘ गाकर उपस्थित श्रोताओं को मुग्ध कर दिया.
कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी डॉ. वी के डोभाल ने किया. इस अवसर पर पूर्व प्रमुख सचिव,उत्तराखंड शासन विभापुरी दास, केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी, बिजू नेगी, विजय शंकर शुक्ल, समर भंडारी, डॉ.लालता प्रसाद, जन संवाद समिति के सतीश धौलाखंडी, विजय भट्ट, कमलेश खंतवाल, , जनकवि डॉ. अतुल शर्मा, सुरेन्द्र सजवाण, शोभा शर्मा,आलोक सरीन, देवेंद्र कांडपाल,, सुंदर सिंह बिष्ट, सहित आसरा ट्रस्ट स्कूल के छात्र,शहर के अनेक रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, सहित दून पुस्तकालय के बड़ी संख्या में युवा पाठक उपस्थित रहे।