देहरादूनः डेंगू रोकथाम और बचाव अभियान में जुटा स्वास्थ्य विभाग

देहरादून। देहरादून में डेंगू रोकथाम एवं बचाव अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग अलग-अलग मोर्चों पर जन जागरूकता अभियान चलाकर संक्रमण के फैलाव को कम करने हेतु जुटा हैं।

अस्पतालों की निगरानी के लिए टीम गठित

जनपद के चिकित्सालयों में डेंगू की जांच व उपचार में मानक से अधिक शुल्क लेने की शिकायतों, प्लेटलेट्स की उपलब्धता, आईसोलेशन वार्ड की व्यवस्था जांचने हेतु एक जिला स्तरीय टीम का गठन किया गया है। टीम द्वारा शहर के प्रमुख चिकित्सालयों में भ्रमण प्रारम्भ कर दिया गया है, जिसके तहत कैलाश चिकित्सालय तथा श्री महंत इंद्रेश चिकित्सालय का भ्रमण टीम द्वारा किया गया।

टीम द्वारा चिकित्सालय प्रबंधन को निर्देशित किया गया कि डेंगू की जांच एवं उपचार हेतु मानक के अनुसार ही मरीजों से शुल्क लिया जाये। डेंगू के गंभीर मरीजों को ही भर्ती किया जाये। डेंगू मरीजों को अलग आईसोलेशन वार्ड में रखा जाये। मरीज का प्लेटलेट्स काउंट 20 हजार से कम आने पर ही आवश्यकता के अनुसार चढ़ाया जाये। जिला संर्विलांस अधिकारी द्वारा वार्ड में मरीजों से मिलकर मरीजों की काउंसलिंग भी की गयी।

टीम में जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ0 सी0एस0 रावत, वरिष्ठ पैथेलॉजिस्ट डॉ0 जे0पी0 नौटियाल, जिला मलेरिया अधिकारी सुभाष जोशी आदि शामिल रहे।

घर घर जा रहे वोलेंटियर

इसके अतिरिक्त समुदाय स्तर पर विभाग द्वारा आशा कार्यकत्रियों के अतिरिक्त वॉलेंटियरर्स को भी उतारा गया है। विशेषकर अधिक केस जिन क्षेत्रों से आ रहे हैं वहां वॉलेंटियर्स द्वारा घर-घर जाकर लार्वा साइट्स को हटाने और जागरूक किये जाने का कार्य किया जा रहा है।

नुक्कड़ नाटक से प्रचार

जन जागरूकता हेतु समुदाय स्तर पर विभाग द्वारा सूचना विभाग में पंजीकृत नाट्य दलों के माध्यम से नुक्कड़ नाटकों का मंचन कर जागरूकता फैलायी जा रही है। रविवार को भी अजबपुर कलां, मोथरोवाला, धर्मपुर, जीएमएस रोड, पटेलनगर, बंजारावाला, मुस्लिम कॉलोनी, माजरा, सर्वे चौक आदि क्षेत्रों में नाटकों का मंचन किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 संजय जैन ने पुनः जन समुदाय से अपील की है कि डेंगू के बचाव के लिए घरों के आस पास पानी जमा न होने दें। यदि हम मच्छर के लार्वा पनपने वाली साईट्स को कम कर पाये तो डेंगू पर नियंत्रण आसान हो पायेगा। उन्होंने कहा कि डेंगू के लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक से जांच करायें और आराम करें। प्लेटलेट्स को लेकर उन्हें कहा कि 20000 हजार से कम प्लेटलेट्स काउंट्स होने पर ही आवश्कतानुसार प्लेटलेट्स चढ़ाई जानी चाहिए।

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