देहरादून। शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने संपत्ति मानचित्रण सर्वेक्षण पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आज शुभारंभ किया। इस दौरान नगर निगम देहरादून में टैक्स कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। एकदिवसीय कार्यशाला में आठ नगर निगम सहित 6 नगर पालिका के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
शुक्रवार को नगर निगम देहरादून के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला पर मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि एक दिवसीय कार्यशाला के जरिए नगरों का सुनियोजित विकास होगा। इसमें विद्युत पोल सीवरेज सड़क पार्कों की सटीक जानकारी के साथ कार्य करने में सुविधा मिलेगी। जिससे विकास कार्यों को गति प्रदान होगी।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि संपत्ति मानचित्रण के क्षेत्र में प्रथम चरण में 4 प्रमुख शहर रुद्रपुर, हल्द्वानी, हरिद्वार और देहरादून लगभग पूरा होने वाले हैं। बताया कि परियोजना के दूसरे चरण में 10 और शहरों का सर्वेक्षण किया जाएगा। बताया कि नगर निगम कोटद्वार, ऋषिकेश, काशीपुर, रुड़की, नगर पालिका परिषद अल्मोडा, पिथौरागढ, नैनिताल, मसूरी, चमोली-गोपेश्वर, पौड़ी का कार्य प्रारंम्भ किया जा रहा है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रथम चरण में चयनित रुद्रपुर नगर निगम की प्रशंसा करते हुए अन्य निकायों को उनसे प्रेरणा लेने को कहा। उन्होंने कहा कि रूद्रपुर नगर निगम की ओर से संपत्ति मानचित्रण का करीब 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसमें अधिकारियों की भूमिका भी सराहनीय है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि मैप की गई संपत्तियां ऑनलाइन उपलब्ध होंगी और नागरिकों द्वारा मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उपयोग की जाएगी। बताया कि चयनित फर्म परियोजना कार्य के सुचारू संचालन के लिए संबंधित यूएलबी को प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही है। बताया कि कार्य की निदेशालय स्तर से भी लगातार निगरानी की जा रही है।
इस मौके पर शहरी विकास निदेशालय के अपर निदेशक अशोक कुमार पांडे ने बताया कि केंद्र सरकार शहरी स्थानीय निकायों के विकास के लिए कई बड़ी योजनाएं चला रही है, साथ ही उन यूएलबी को अतिरिक्त सब्सिडी भी दे रही है जो शहरी विकास में अच्छा काम कर रहे हैं।
इस मौके पर मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, चमोली की पालिकाध्यक्ष पुष्पा पासवान, जीआईएस सेल के नोडल अधिकारी रवि पांडे, नगर आयुक्त देहरादून मनुज गोयल, नगर आयुक्त काशीपुर विवेक राय, नगर आयुक्त रुड़की विजय नाथ शुक्ल, नगर आयुक्त ऋषिकेश राहुल गोयल, नगर आयुक्त कोटद्वार वैभव गुप्ता, सहायक निदेशक विनोद कुमार सहित सुपरीडिएंट इंजीनियर आदि शामिल रहे।