छाया नंदन सूर्य पुत्र शनिदेव का गोचरीय दृष्टि से परिवर्तन अपनी पहली राशि मकर से दूसरी राशि कुंभ में माघ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि 17 जनवरी 2023 दिन मंगलवार को रात में 4 बजकर 30 मिनट पर शनि देव धनिष्ठा नक्षत्र के द्वितीय चरण से धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण में होगा । शनिदेव का यह गोचरीय परिवर्तन व्यापक प्रभाव छोड़ेगा । कुंभ राशि में शनि देव अपने संपूर्ण फल प्रदान करने में सफल रहेंगे। जितने लोगों की जन्म कुंडली में शुभ फल कारक होंगे। उनको शुभ फल भी खूब प्रदान करेंगे। साथ ही जितने लोगों की कुंडली में नकारात्मक फल के रूप में विद्यमान होंगे । उनके लिए ज्यादा नकारात्मक भी हो जाएंगे। ऐसे में धनु एवं मकर लग्न अथवा राशि वालों पर किस प्रकार का असर डालेंगे इसको हम विस्तृत रूप से जानेंगे।
धनु :- धनु लग्न अथवा धनु राशि वालों के लिए शनि देव धन भाव एवं पराक्रम भाव के कारक होकर पराक्रम भाव में स्वगृही गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में धनु लग्न अथवा धनु राशि वालों के लिए पराक्रम में वृद्धि करेंगे। सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगा। राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए भी उत्तम फल प्रदान करेंगे। वाणी व्यवसाय सेल्स मार्केट प्राइवेट सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए भी सकारात्मक फल प्रदान करने जा रहे हैं। शोध संस्थान से जुड़ कर कार्य करने वाले लोगों के लिए भी यह समय सकारात्मक प्रदायक के रूप में साबित होगा। भाई बंधुओं मित्रों का सहयोग सानिध्य भी खूब प्राप्त होगा।अचानक में किसी मित्र का सहयोग मिल जाने से सकारात्मक प्रगति हो सकता।
परिवार में नया कार्य एवं पारिवारिक कार्यों में प्रगति की स्थिति भी बनाएंगे। यहां बैठे शनि देव की तीसरी दृष्टि पंचम भाव अर्थात संतान व विद्या के भाव पर होगा । ऐसे में धनु लग्न अथवा धनु राशि वालों के लिए संतान पक्ष से चिंता की स्थिति बनी रह सकती है । स्वास्थ्य के कारण मन अप्रसन्न रहेगा । अध्ययन अध्यापन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए भी समय तनावपूर्ण हो सकता है। डिग्री आदि से संबंधित कार्यों में व्यवधान अवश्य दिखाई देगा । फल स्वरूप कुंडली के अनुसार पंचमेश मंगल को मजबूत करके शुभ फल प्राप्त किया जा सकता है । शनिदेव की अगली दृष्टि सप्तम दृष्टि भाग्य भाव पर होगा । ऐसे में भाग्य में अवरोध की स्थिति ।
पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता के स्थिति । अचानक कार्यों में अवरोध या तनाव का वातावरण भी उत्पन्न हो सकता है । सरकारी क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए अपने से वरिष्ठ अधिकारी से तनाव हो सकता है। प्राइवेट क्षेत्र में जुड़े लोगों के लिए भी कार्यस्थल पर विवाद या तनाव का वातावरण उत्पन्न हो सकता है। शनिदेव की दसवीं दृष्टि वृश्चिक राशि अर्थात खर्च के भाव पर होगा । ऐसे में अचानक यात्राओं पर खर्च ।
व्यापारिक यात्राओं पर खर्च। धार्मिक यात्राओं पर खर्च के साथ-साथ पर्यटन पर भी खर्च बढ़ सकता है। इस समय में आंखों की समस्या भी परेशान कर सकता है। इस प्रकार देखा जाए तो धनु लग्न अथवा धनु राशि के लिए शनि देव का गोचर सामान्य फल प्रदायक के रूप में साबित होगा। मूल कुंडली के अनुसार शनिदेव का उपाय करना सामाजिक पद प्रतिष्ठा पराक्रम में वृद्धि कराएगा।