उत्तराखण्डः नर्सिग प्रवेश परीक्षा में 97 प्रतिशत फेल, सरकारी कॉलेजों की भी सीटें रह गई खाली

देहरादून। राज्य नर्सिग प्रवेश परीक्षा में 97 प्रतिशत युवा फेल हो गये। इस साल उत्तराखण्ड में राज्यस्तरीय नर्सिंग परीक्षा में लगभग पांच हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। जिसमें कुल 200 अभ्यर्थी ही सफल हो पाये। जिसके चलते प्रदेश के सरकारी और निजी नर्सिंग कॉलेज की सीटें खाली रह गई हैं।

प्रदेश में नर्सिंग प्रवेश परीक्षा का आयोजन एनएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से किया जाता है। इस बार इण्डियन नर्सिंग कांउसिल ने प्रवेश परीक्षा में सफल होने के लिए 50 प्रतिशत कट ऑफ को अनिवार्य किया था। वहीं प्रवेश परीक्षा मे ंअंग्रेजी को भी अनिवार्य किया गया।

जानकारों के अनुसार इस बार अंग्रेजी विषय से जुड़े 20 अंक के प्रश्न पूछे गये थे। जिसमें अधिकांश अभ्यर्थी के कम नम्बर आये, जिसके चलते अंधिकांश अभ्यर्थी मेरिट में आने से वंचित रहे गये।

सरकारी कॉलेजों की सीटे रह गई खाली

उत्तराखण्ड में हल्द्वानी, पौड़ी चमोली, देहरादून, टिहरी, अल्मोड़ा पिथौरागढ़ में स्थित 7 राजकीय नर्सिंग कॉलेज है, जिनमें में कुल 352 सीटें है। कांउसिलिग में केवल 99 अभ्यर्थियों को सरकारी कॉलेज मिल पाये। कुल मिलाकर सरकारी कॉलेजों में जितनी सीटें आवंटित है उससे भी कम अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं।

निजी कॉलेजों में गहराया संकट

प्रदेश में निजी कॉलेजों में नर्सिंग की तकरीबन 2 हजार सीटें हैं। युवाओं के प्रवेश परीक्षा में असफल होने के चलते इन कालेजों की ज्यादातर सीटें खाली रह जाएंगी। इस कारण इन निजी कॉलेजों के अस्तिस्व पर भी संकट गहरा गया है।

भाकपा माले ने सीएम को भेजा ज्ञापन

आंदोलनकारी और भाकपा माले के नेता इन्द्रेश मैखुरी का कहना है कि इस बार नर्सिगं परीक्षा में सरकारी कॉलेजों की कुल सीटों से भी कम अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। स्थिति ये है कि सरकारी नर्सिग कॉलजों की अधिकांश सीटे रिक्त रह गई हैं। उन्होंने कहा कि नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में अंग्रेजी की अनिवार्यता के चलते ऐसी स्थिति आई हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर समाधान करने की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *